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Breaking News:- Chandrayaan - 3 का संपर्क ISRO से टूट गया

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Breaking News:- Chandrayaan - 3 का संपर्क  ISRO से टूट गया 


Chandrayaan-3 ब्रेकिंग न्यूज़


दोस्तों अभी हाल ही में फेक न्यूज़ फैलाया जा रहा है कि chandrayaan-3 का संपर्क ISRO से  टूट गया है। ऐसा कुछ भी नहीं है।


आइए जानते हैं chandrayaan-3 कहां पहुंचा?


Chandrayaan-3 का तीसरा आर्बिटल बदला गया जानिए कहां पहुंचा इसरो का मून मिशन


इसरो आज  18 जुलाई 2023 को दोपहर 2:00 से 3:00 के बीच chandrayaan-3 की तीसरी कक्षा बदली गई है धरती की सतह से chandrayaan-3 की लंबी दूरी यानी अपोजी में बदलाव किया गया है। अगला बदलाव 20 जुलाई को दोपहर इसी समय होगा मकसद है chandrayaan-3 को धरती से 100000 किमी दूर तक पहुंचाना।


ISRO ने आज यानी 18 जुलाई 2023 को दोपहर 2:00 से 3:00 के बीच चंद्रन 3 का तीसरा आर्बिटल मैन्युअल किया गया है इसरो ने कहा है कि चंद्रयान 3 की तीसरी कक्षा को सफलतापूर्वक बदल दिया गया है अगली आर्बिटल मैन्यूरिंग 20 जुलाई 2023 को दोपहर 2:00 से 3:00 के बीच बदला जाएगा फिलहाल इसरो ने यह नहीं बताया है की दूरी में कितना बदलाव किया गया है लेकिन ओपीजी में बदलाव किया गया है।


इसके बाद चौथे और पांचवे आर्बिटल मैन्युअल में भी अपोजी बदला जाएगा मतलब धरती की सतह से ज्यादा दूरी मकसद 31 जुलाई तक चंद्रन 3 को 100000 किलोमीटर दूर तक पहुंचाना है। तीसरा आर्बिटल मेंबर से पहले चंद्रयान 256 किलोमीटर की परिधि और 41000 किलोमीटर की फौजी वाली अंडाकार आर्बिटल में चक्कर लगा रहा है इस आर्बिटल मेमोरी में 41,762 किलोमीटर की दूरी को बढ़ाया गया है।


फिलहाल हम आपको यह बताते चले कि इसरो ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि इसके लिए कितने देर तक इंजन को ऑन किया गया है लेकिन जल्दी से ही पता चल जाएगा इसके बाद 4 जनवरी को लूनर ट्रांसफर रिजेक्ट री यानी लंबी दूरी वाले आर्बिटल में धकेला जाएगा इस आर्बिटल में हुआ 5 दिन यात्रा करेगा लगभग 5 से 6 अगस्त के बीच चंदन तीन चांद की कक्षा में प्रवेश करेगा।


दोस्तों इसरो द्वारा जो भी जानकारी निकलकर सामने आती है। वह जानकारी आपको सबसे पहले इसी वेबसाइट के अंदर देखने को मिलेगी आप किसी फेक न्यूज़ ना देखें जिससे कि आप परेशान रहें, दोस्तों इसरो द्वारा chandrayaan-3 को लांच किया गया था वह सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया था और वह जल्दी ही अपनी कक्षा में पहुंच जाएगा।


Chandrayaan-3 अगर सफलतापूर्वक अपना लक्ष्य पूरा कर लेता है और वह चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर जाता है और जैसा कि इसरो के वैज्ञानिकों ने बताया है और वह अपने तय समय पर चंद्रमा पर उतर जाता है तो भारत भी उन सूची में शामिल हो जाएगा जिन्होंने चंद्रमा पर अपना रोवर और लेंडर उतारा हो।


दोस्तों साल 2019 में  इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा chandrayaan-2  को मून मिशन के लिए भेजा गया था लेकिन वह कुछ त्रुटि बस चंद्रमा पर लैंड नहीं हो सका और उसका संपर्क इसरो के वैज्ञानिकों से टूट गया  जिस कारण वस का एक मिशन फेल हो गया था ।


और यह वही योजना है जिसके तहत इसरो के वैज्ञानिकों ने chandrayaan-3 को लांच किया और इसे भी चंद्रमा पर भेजने की पूरी कोशिश है। और अगर यह अपने तय समय पर चंद्रमा पर लैंड कर जाता है तो इसरो के वैज्ञानिकों की एक महान सफलता हासिल हो जाएगी, जिससे कि भारत की इसरो एजेंसी भी दुनिया की उम्र बड़ी स्पेस एजेंसी में शामिल हो जाएगी जिन्होंने चांद पर अपना लैंडर और रोवर उतारा हो।


निष्कर्ष: chandrayaan-3 सफलतापूर्वक लांच हुआ था और यह अब अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है अतः अगर यह अपने निर्धारित समय पर चंद्रमा पर लैंड कर जाता है तो इसरो के वैज्ञानिकों के लिए एक महान सफलता होगी। वैज्ञानिकों के अथक प्रयास और बहुत मेहनत करने के बाद चंद्रयान 3 को लांच किया गया है।


नोट: दोस्तों आपको फेक न्यूज़ और फेक समाचार से बचना होगा मैं आपको इस पोस्ट में यह बताया हूं कि जो भी chandrayaan-3 के और इसरो से संपर्क टूट जाने की बातें चल रही है यह एक फेक न्यूज़ है अतः आपको इस वेबसाइट पर रियल न्यूज़ देखने को मिलेगी तो इसे फॉलो जरूर करें और शेयर करना ना भूले।


धन्यवाद


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