विश्व वानिकी दिवस के शुभ मौके पर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का आरंभ किया गया। इस योजना का मकसद किसानों तथा भूस्वामियों को वित्तीय सहायता देकर संपूर्ण राज्य में वृक्षारोपण के महत्त्व में वृद्धि करना है।
छत्तीसगढ़ में वृक्षारोपण की जरूरत
छत्तीसगढ़ अपने घने जंगल तथा समृद्ध जैव विविधता के लिए पहचाना जाता है। हालांकि, औद्योगीकरण तथा दूसरे मानवीय गतिविधियों की वजह से राज्य को वन आवरण के बड़े पैमाने पर नुकसान भी झेलना पड़ रहा है। सरकार के द्वारा वनों की कटाई के प्रभावों का सामना करने तथा पर्यावरण के संरक्षण हेतु वृक्षारोपण में वृद्धि करने के लिए तत्काल कार्रवाई की जरूरत को पहचाना गया है।
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार 5 एकड़ तक भूमि पर वृक्षारोपण हेतु पूरा अनुदान देगी। जो लोग 5 एकड़ से भी ज्यादा भूमि पर वृक्षारोपण करना चाहते हैं, उनके लिए सरकार 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान भी देगी। इस योजना से पूरे राज्य के अंदर हरित क्षेत्र की वृद्धि करने में योगदान मिलने की आशा है।
योजना के लाभ
छत्तीसगढ़ के नागरिकों के लिए मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के कई तरह से लाभ हैं। यह न केवल राज्य के हरित आवरण की वृद्धि करने में मदद करेगा बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के अंदर लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी लायेगा। यह योजना मिट्टी तथा जल संसाधनों के संरक्षण, जलवायु परिवर्तन व वायु प्रदूषण के प्रभावों को घटाने तथा प्रदेश के अंदर लोगों के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए भी मदद करेगी।
योजना का कार्यान्वयन
मुख्यमंत्री वृक्ष धन योजना छत्तीसगढ़ वन विभाग की ओर से जारी की जाएगी, जिसका कार्यान्वयन किसानों, भूस्वामियों तथा गैर सरकारी संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ किया जाएगा। विभाग यह तय करने के लिए तकनीकी सहायता तथा प्रशिक्षण भी देगा कि पेड़ व्यवस्थित तथा टिकाऊ ढंग से लगाए गए हैं। सरकार की ओर से अगले तीन सालों में संपूर्ण राज्य में 6 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है।